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Showing posts from November, 2017

जॉनी जैसा जानी दोस्त

साहित्य और सिनेमा दोनों ही जगह साइडकिक की एक लम्बी परंपरा रही है। साइडकिक यानी वो किरदार जो हरदम नायक के साथ नज़र आता है। कभी वो मज़ाक का पात्र बनता है तो कई मौकों पर नायक का एकलौता मददगार भी साबित होता है। शेरलॉक होम्स के साथ डॉक्टर वॉटसन और बैटमैन के साथ रॉबिन तो कभी न भूलने वाले साइडकिक है जो कई बार कथा के मुख्य नायक पर भी भारी पड़े हैं। हिंदी सिनेमा में दिलीप कुमार के साथ मुकरी और शाहरुख़ ख़ान या गोविंदा के साथ जॉनी लीवर ने साइडकिक की भूमिका को बख़ूबी अंजाम दिया है। फिल्म ‘अंगूर’ में संजीव कुमार के साथ देवेन वर्मा ख़ालिस क्लासिक साइडकिक के रूप में प्रस्तुत हुए, लेकिन जॉनी वॉकर सर्वश्रेष्ठ रहे। गुरुदत्त के सामने उन्होंने कुछ इतने कमाल के किरदार निभाएं हैं जो अमिट है। जॉनी होते तो 11 नवंबर को 97 साल के हो जाते। मामूली बस कंडक्टर से हिंदी सिनेमा के महानतम कॉमेडियन बनने की उनकी कहानी दिलचस्प है लेकिन बात करते हैं जॉनी के उस अंदाज़ की जिसके लिए उन्हें सब इतना पसंद करते हैं। जॉनी वॉकर हमेशा ऐसे ही रहमदिल, मज़ाकियां और नायक की मदद करने वाले किरदार में आते और अपनी भाव-भंगिमाओं से